विषय पाठ्यक्रम:- आज का टॉपिक !
कंप्यूटर का परिचय, कंप्यूटर का इतिहास,
कंप्यूटर की जनरेशन (प्रथम पीढ़ी, द्वितीय पीढ़ी, तृतीय पीढ़ी, चतुर्थ पीढ़ी, पंचम पीढ़ी),
कंप्यूटर की विशेषताएं (गति, शुद्धता, बिना थके कार्य करना, स्टोरेज क्षमता, सर्वभौमिकता),
कंप्यूटर सिस्टम (पॉवर स्विच, रिसेट बटन, सीडी/डीवीडी ड्राइव, फ्लोपी ड्राइव, फ्रंट यूएसबी और माइक - हेडफ़ोन स्लॉट, इंडीगेटर लाइट, पॉवर सप्लाई सॉकेट, PS2 कीबोर्ड सॉकेट, PS2 माउस सॉकेट, पैरेलल पोर्ट, VGA पोर्ट, रियर USB पोर्ट, रियर माइक और हेडफोन स्लॉट, नेटवर्क स्लॉट, फायर-वायर, फैन, मदरबोर्ड, CPU, रैम, रोम, ग्राफिक्स कार्ड, एक्सपेंशन स्लॉट) |
कंप्यूटर का परिचय :-
कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति कम्प्युट शब्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना | अतः बोलचाल की भाषा में इसे एक कैलकुलेटिंग डिवाइस माना जाता है जो ऐरिथमेटिक और लॉजिकल ऑपरेशन को तेजी के साथ कर सकता है परन्तु आज इसकी परिभाषा ही बदल गयी है |
क्योंकि अब कंप्यूटर का उपयोग सिर्फ गणना तक ही सीमित नहीं है, आज इसका प्रयोग म्यूजिक, ग्राफिक्स, इन्टरनेट आदि कई अन्य क्षेत्र में भी हो रहा है, अतः अब कह सकते है कि यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो डाटा को एक्सेप्ट करता है |
और एक विस्तृत स्टेप-बाई-स्टेप प्रोसेसिंग के बाद उसे इन्फोर्मेशन में बदलता है और आउटपुट रिजल्ट प्रस्तुत करता है | यह डाटा को एक्सेप्ट, स्टोर और उन्हें मैनिपुलेट करता है |
कंप्यूटर का इतिहास:-
पहले गणना के लिए प्रयोग लायी जाने वाली डिवाइसों में मैकेनिकल डिवाइसें थी | अबैकस को पहला कंप्यूटर कहा जाता है |
बाद में पास्कल, लॉरेंस, जैकब, एटासॉफबेरी आदि ने कई डिवाइसें बनायी परन्तु किसी भी डिवाइस में मेमोरी न थी तत्पश्चात सत्रहवीं शताब्दी में चार्ल्स बैबेज ने एनालिटिकल और डिफरेंस मशीन का आविष्कार किया जिसमे मेमोरी डाली |
उक्त मशीन के आविष्कार से ही आधुनिक युग की शुरुआत हुई बाद में आज के सभी कंप्यूटर में मेमोरी सबसे बड़ी विशेषता है | इसी कारण से चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का पितामह कहा जाता है | ENIAC प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर है | यही से इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर्स का युग शुरू हो गया |
कंप्यूटर की पीढ़ीयां (Generations of Computers):-
First Generation(1945-1954):-
इस प्रथम जनरेशन में वैक्यूम ट्यूब टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया था | जिसने कंप्यूटर को साकार कर गणनाएं करना संभव किया |
Second Generation(1955-1964):-
कंप्यूटर के द्वितीय जनरेशन में ट्रांजिस्टर टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया था | जिसने तब कंप्यूटर के आकार को थोड़ा छोटा एवं तेज कर दिया था |
Third Generation(1965-1974):-
कंप्यूटर के तृतीय जनरेशन में इंटीग्रेटेड सर्किट्स (आई० सी०) टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया, जिससे ये तुलनात्मक भरोसेमंद तथा तेज समझा गया |
Forth Generation(1975-2000):-
कंप्यूटर के चतुर्थ जनरेशन में माइक्रो प्रोसेसर टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया जो प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय तीनों ही जनरेशन से काफी तेज / भरोसेमंद तथा साइज में छोटा पाया गया जिसे आप आसानी से कहीं भी इधर - उधर उठा एवं रख सकते है |
Fifth Generation(2000-Present & Next):-
पंचम जनरेशन के कंप्यूटर में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया गया जो इसे कंप्यूटर टेक्नोलॉजी में सर्वोपरि सिद्ध करता है जिसमें यह अपने खुद के आई० क्यू० का भी इस्तेमाल करता है |
Characteristics of Computers:-
Speed:-
कंप्यूटर एक बहुत ही तीव्र कार्य करने वाला इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है जो किसी निर्देश को पल भर में क्रियान्वित करता है यह किसी कार्य को सेकण्ड के एक भाग में ही हल कर देता है जब की उस कार्य को एक व्यक्ति घंटों तक कहीं हल कर पायेगा |
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है की एक कंप्यूटर एक सेकण्ड के समय में एक मिलियन या उससे भी अधिक निर्देशों को क्रियान्वित कर सकता है |
Accuracy:-
कंप्यूटर बिना कोई गलती किये पूरा सही - सही गणनाएं कर सकता है इसकी एक्यूरेसी सही-सही हल करने की अभिक्षमता बहुत अधिक है जिससे ये कभी कोई गलती नहीं करता और सभी गणनाओं में उसी एक्यूरेसी की तरह कार्य करता है | कंप्यूटर में कोई गलती तभी आ सकती है जब व्यक्ति द्वारा गलत इनपुट या निर्देश दिए गये हों |
Diligence:-
कंप्यूटर किसी भी कार्य को बिना थके लगातार कर सकता है | इसे किसी भी प्रकार की थकान या कमजोरी कभी नहीं होती है जिससे यह किसी कार्य को बिना किसी रुकावट या गलती के लगातार कर सकता है | कंप्यूटर की इस क्षमता की वजह से मानव की कार्य प्रगति में काफी विकास हुआ है |
Storage Capacity:-
कंप्यूटर में किसी भी प्रकार के डाटा या इन्फोर्मेशन को इसके मेमोरी में स्टोर कर सकते है | कंप्यूटर में मैग्नेटिक मीडिया स्टोरेज होते है जो अत्यधिक मात्रा में डाटा या सूचनाओं को परमानेंट सुरक्षित रखने की सुविधा देते है |
जैसे:- हार्डडिस्क, फ्लॉपी डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क इत्यादि जिनकी मदद से आप कोई डाटा किसी एक स्थान से दुसरे स्थान तक ले जा सकते है |
Versatility:-
कंप्यूटर की एक बहुत अच्छी विशेषता इसकी विविधता है जो एक ही समय में कई कार्य कर सकता है जैसे अपने डॉक्यूमेंट ड्राफ्टिंग के दौरान म्यूजिक सुनना, कोई पेज प्रिंट करना आदि |
यह एक यूजर पर निर्भर करता है की वह कंप्यूटर सिस्टम पर किस तरह का कार्य कर सकता है क्योंकि ये बिल्कुल अलग -अलग तरह के कार्य करने में सक्षम है |
Computer System:-
कंप्यूटर सिस्टम एक भौतिक छूने योग्य इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है जो विभिन्न यंत्रों से मिलकर बना होता है जैसे:- इनपुट-आउटपुट डिवाइस, प्रोसेसिंग डिवाइस, मेमोरी इत्यादि |
इन्हें सिस्टम पैनल के तरह या उन भौतिक तथ्यों के हिसाब से वर्गीकृत कर सकते है जो एक कंप्यूटर सिस्टम का संचालित करना संभव करते है |
Power Switch:-
पॉवर स्विच वो स्विच बटन होता है जिससे एक कंप्यूटर सिस्टम को चालू या बंद कर सकते है |
इस बटन की मदद से हम किसी कंप्यूटर सिस्टम के चालू हालत में अपनी जरुरत के हिसाब से उसे पुनः स्टार्ट (रिस्टार्ट) कर सकते है |
इस डिवाइस की मदद से हम किसी कंप्यूटर सिस्टम में कोई सी० डी० या डी० वी० डी० को एक्सेस कर पाते है |
ये ड्राइव किसी कंप्यूटर सिस्टम में फ्लॉपी डिस्क को एक्सेस करने में इस्तेमाल होता है |
Front USB Port, Mic & Headphone Slot:-
ये पोर्ट किसी USB डिवाइस को एक्सेस करने में उपयोग होता है जबकि माइक और हैडफ़ोन जैक स्लॉट किसी माइक्रोफ़ोन या हैडफ़ोन डिवाइस को जैक वायर से कनेक्ट कर संगीत सुनने में उपयोग होता है |
ये वो सिग्नल लाइट होती है जो सिस्टम के स्टार्ट होने के समय से चलते रहने तक जलती रहती है और सिस्टम के बंद होने पर स्वतः बंद हो जाती है |
Power Supply Socket:-
यह सॉकेट कंप्यूटर सिस्टम में पॉवर सप्लाई देने के लिए केबल को कनेक्ट करने में इस्तेमाल होता है जिससे पॉवर SMPS के माध्यम से जरुरी इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट तक पहुँचता है |
Keyboard Socket:-
इस सॉकेट की मदद से कंप्यूटर सिस्टम में पी एस टू कीबोर्ड को कनेक्ट किया जाता है |
Mouse Socket:-
इस सॉकेट की मदद से कंप्यूटर सिस्टम में पी एस टू माउस को कनेक्ट किया जाता है |
इस पैरेलल पोर्ट की मदद से कंप्यूटर सिस्टम में कोई अन्य डिवाइस जैसे प्रिंटर इत्यादि को कनेक्ट किया जा सकता है |
इस पोर्ट की मदद से विजुअल डिस्प्ले यूनिट जैसे मॉनिटर इत्यादि को कनेक्ट किया जा सकता है |
Rear USB Port:-
इस पोर्ट को USB 2.0 कहा जाता है, जिससे किसी USB डिवाइस को कनेक्ट किया जाता है |
Mic & Speaker Jack Slot:-
इन स्लॉट की मदद से हम कंप्यूटर सिस्टम में कोई माइक्रो फ़ोन या स्पीकर कनेक्ट कर सकते है | जिससे हम साउंड को स्टोर (माइक द्वारा) या प्ले कर सकते है |
Network Slot:-
इस स्लॉट से हम कंप्यूटर सिस्टम को नेटवर्क केबल की मदद से किसी नेटवर्क से कनेक्ट कर सकते है |
यह एक सीरियल बस इन्टरफेस होता है जिसमे हाई स्पीड तथा रियल टाइम डाटा ट्रांसफर होता है | इसका नाम फायर वायर इसके डेवलपर कार्पोरेशन द्वारा रखा गया है |
Fan:-
यह एक प्रकार का पंखा होता है जो कंप्यूटर सिस्टम के अन्दर होता है और जिसका मुंह बाहर की तरफ होता है जो CPU द्व्रारा उत्पन्न हीट (गर्मी) को बाहर भेज देता है |
यह कंप्यूटर सिस्टम का एक मुख्य भाग होता है जिसमे सभी इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट जुड़े रहते है जो एक कंप्यूटर सिस्टम को संचालित करना संभव करते है | जैसे:- रैम, रोम, प्रोसेसर इत्यादि |
यह कंप्यूटर सिस्टम का सबसे मुख्य भाग होता है जो कंप्यूटर सिस्टम में कोई भी डाटा या इन्फोर्मेशन जो यूजर द्वारा बतौर इनपुट की तरह से दिया गया होता है उसको प्रोसेस कर एक नियत आउटपुट प्रदान करता है |
RAM (Random Access Memory):-
रैम एक प्राइमरी मेमोरी होती है जो एक चिप के रूप में एक स्लॉट की मदद से मदरबोर्ड से जुड़ी रहती है जो सिस्टम पर कार्य करने के लिए जरुरी मेमोरी उपलब्ध कराती है |
रोम कंप्यूटर सिस्टम में एक चिप के रूप में मदर बोर्ड से जुड़ा रहता है जो BIOS इन्फोर्मेशन को सुरक्षित रखता है जो कंप्यूटर सिस्टम के बूटिंग के दौरान उपयोग में आती है |
Display Adapter Card (Graphics Card):-
यह एक एडाप्टर होता है जो CPU को मॉनिटर से लिंक करता है | जो भी टास्क CPU के अंतर्गत होता है उसे यह मॉनिटर पर प्रदर्शित करने में सहयोग करता है |
Expansion Slots:-
इस स्लॉट की मदद से हम कुछ अन्य डिवाइस या इन्टरफेस को कंप्यूटर सिस्टम से कनेक्ट करते है जो सिस्टम की कार्य क्षमता को बढ़ाता है |
जब कोई सिस्टम कुछ ऐसे फीचर जिनको सपोर्ट नहीं करता उन्हें हम एक्सपेंशन स्लॉट की मदद से जोड़ सकते है जैसे:- साउंड कार्ड, नेटवर्क कार्ड, ग्राफिक्स कार्ड इत्यादि |