विषय पाठ्यक्रम:- आज का टॉपिक !
इनपुट, इनपुट डिवाइसेस (कीबोर्ड, माउस, जॉयस्टिक, स्कैनर, वेब कैमरा),
आउटपुट डिवाइसेस (मॉनिटर (C.R.T. (मोनोक्रोम, कलर), L.C.D. (TFT, LED)), स्पीकर, प्रिंटर (इम्पैक्ट (डॉट मैट्रिक्स, डेजी व्हील) और नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर (इंकजेट और लेज़र प्रिंटर)),
CPU (ALU, CU, MU) |
Input:-
किसी भी निर्देशन एवं डाटा को कंप्यूटर में इनपुट डिवाइस के माध्यम से ही उपलब्ध कराया जा सकता है | कंप्यूटर उन उपलब्ध डाटा एवं सूचनाओं को प्रोसेस करता है ताकि एक नियत आउटपुट पाया जा सके |
Input Devices:-
इनपुट डिवाइस वो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होती है जो किसी कंप्यूटर सिस्टम में इनपुट देने के लिए इस्तेमाल होती है |
इन यंत्रों को जो इनपुट और आउटपुट के लिए इस्तेमाल होती है इनको पेरीफेरल्स बोलते है | इनपुट डिवाइस कई प्रकार के होते है |
जैसे:- कीबोर्ड, माउस, ट्रैक बॉल, जॉयस्टिक, और लाइट पेन इत्यादि | इन सब में कीबोर्ड और माउस अत्यधिक प्रयोग होने वाले यंत्र है |
Keyboard:- की-बोर्ड एक इनपुट डिवाइस होता है जो किसी कंप्यूटर सिस्टम में इनपुट बतौर टैक्स्ट के रूप में देता है | एक कीबोर्ड में कई तरह की 'कीज' होती है | की-बोर्ड का हिंदी नाम "कुंजीपटल" है | जैसे:- अल्फाबेट कीज, न्यूमेरिक कीज, फंक्शनल कीज, स्पेशल कीज एवं मल्टीमीडिया कीज इत्यादि | 👉 Numeric Keys - 0 to 9. 👉 Functional Keys - F1 to F12. 👉 Special Keys - Shift, Ctrl, Alt, Enter, Esc etc. 👉 Arrow Movement Keys - Up, Down, Left, Right. 👉 Multimedia Keys - Play, Pause, Next, Previous etc. (Only in Multimedia Keyboards). Mouse:- माउस एक तरह का इनपुट डिवाइस होता है जो कंप्यूटर सिस्टम में कोई भी इनपुट बतौर प्वाइंट करके देता है | यह इनपुट डिवाइस कंप्यूटर सिस्टम में सामान्य निर्देश देने के लिए उपयोग होता है | माउस दो तरह के होते है पहले मैकेनिकल माउस तथा दूसरे ऑप्टिकल माउस | आजकल कंप्यूटर यूजर के द्वारा ज्यादातर ऑप्टिकल माउस का ही इस्तेमाल होता है | इसमें दो बटन होती है, लेफ्ट एवं राईट बटन तथा तीसरी बटन जो स्क्राल बटन होती है, ऑप्टिकल माउस में पायी जाती है | माउस का फुल फॉर्म:- (M) - Manually. (O) - Operated. (U) - User. (S) - Selection. (E) - Equipment. जॉयस्टिक एक इनपुट डिवाइस होता है जो कंप्यूटर सिस्टम में इनपुट देने के लिए होता है, जो प्रायः गेम एप्लीकेशन में इस्तेमाल होता है, जैसा की इसके नाम से प्रतीत होता है | इस इनपुट डिवाइस में इनपुट हम अंगूठे से जॉयस्टिक के बटन को प्रेस करके देते है | इस डिवाइस के नीचे एक गोलाकार बॉल होती है जिसपर यह घुमता है | Scanner:- स्कैनर का इस्तेमाल किसी हार्ड कॉपी या फोटोग्राफ को स्कैन करके डिजिटल फॉर्म में कन्वर्ट कर कंप्यूटर में रख सकते है | यह एक ज़ेरॉक्स मशीन की तरह कार्य करता है जो किसी हार्ड कॉपी का बिल्कुल दूसरी प्रति सॉफ्ट फॉर्म में कन्वर्ट कर देता है | इस डिवाइस को हम कंप्यूटर सिस्टम में USB या पैरेलल पोर्ट से कनेक्ट कर इस्तेमाल कर सकते है, जिसके लिए इसका ड्राईवर इंस्टाल करना पड़ता है | वेब कैम एक कैमरा डिवाइस होता है जो फोटोग्राफ लेने, वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए उपयोग होता है जिसे हम बतौर इनपुट डिवाइस इस्तेमाल कर सकते है | इसका कैमरा VGA रेजोल्यूशन का होता है | इस इनपुट डिवाइस को हम ज्यादातर वीडियो चैट के लिए इस्तेमाल करते है | आउटपुट, इनपुट और प्रोसेसिंग के बाद का स्टेप है जहाँ हम अपना आउटपुट जान पाते है जो आपके द्वारा कंप्यूटर को दिया गया होता है | आउटपुट के माध्यम से सूचनाएं जिन्हें हम स्टोरेज डिवाइस जैसे:- हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क इत्यादि में स्टोर कर अपने प्रयोग में लाते है | आउटपुट डिवाइस के उदाहरण है - प्रिंटर, प्लाटर्स, मल्टीमीडिया, प्रोजेक्टर, स्पीकर इत्यादि | Monitors:- यह एक सॉफ्ट विजुअल आउटपुट डिवाइस है जिस पर आउटपुट को देखा जा सकता है | यह टेक्नोलॉजी के अनुसार दो प्रकार का होता है | 1- C.R.T. (Cathode Ray Tube):- सी० आर० टी० टेक्नोलॉजी इसमें कैथोड रे ट्यूब लगी होती है जो इसमें कैथोड किरणें फ्लॉरसीन स्क्रीन पर गिरती है और डिफ्लेक्ट होकर पिक्चर बनाती है | ये दो प्रकार के होते है - 👉 Monochrome (मोनोक्रोम):- मोनोक्रोम जो कि ब्लैक एंड वाइट पिक्चर दिखाता है | 👉 Color (कलर):- इसमें तीन प्रकार के फास्फोरस जो कि लाल, हरा, और नीला रंग होने के कारण कलर पिक्चर बनाता है | 2- L.C.D (Liquid Cristal Display):- एल० सी० डी० टेक्नोलॉजी लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले लाइट को माड्यूलेट करके पिक्चर बनाती है | 👉 T.F.T. (Thin Film Transistor):- थिन फिल्म ट्रांजिस्टर मैट्रिक्स भी पिक्चर बनाती है परन्तु मैट्रिक्स से लाइट नहीं निकलती है | 👉 L.E.D. (Light Emitting Diode):- लाइट इमिटिंग डायोड में लाइट यहीं से निकलती है अतः पिक्चर क्वालिटी काफी अच्छी होती है | Speakers:- यह एक आउटपुट डिवाइस है जो साउंड या म्यूजिक को प्ले कर ध्वनि उत्सर्जन का कार्य करता है जो एक आउटपुट है | इसका उपयोग मल्टीमीडिया एप्लीकेशन में होता है जिससे कोई भी साउंड या म्यूजिक को आसानी से सुना जा सकता है | प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर से डाटा प्राप्त कर उसका आउटपुट हार्ड कॉपी के रूप में मुद्रित करता है | प्रिंटिंग क्वालिटी को डॉट पर इंच (D.P.I.) में मापा जाता है | यह दो प्रकार का होता है | 1- Impact Printer:- इम्पैक्ट प्रिंटर वह प्रिंटर होता है जो कि प्रिंट करते समय हैमर द्वारा इम्प्रेशन बनाता है | जैसे:- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर, डेजी व्हील प्रिंटर, लाइन प्रिंटर आदि | इनमे से डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर मुख्य है | Dot Matrix:- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर इम्पैक्ट प्रिंटर का ही एक प्रकार होता है जो इंक रिबन पर पिन से स्ट्राइक कर करैक्टर प्रिंट करता है | इसमें प्रत्येक पिन एक डॉट छोड़ती है और इन डॉट के कॉम्बिनेशन से कोई अक्षर या आकार बनता है | प्रत्येक करैक्टर को छापने के लिए बहुत डॉट की जरुरत होती है | डॉट मैट्रिक्स प्रिंट अब ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता है | इनका इस्तेमाल केवल वही होता है जहाँ अत्यधिक मात्रा में पेज प्रिंट करने होते है | नान - इम्पैक्ट प्रिंटर जो कि बिना हैमर किये प्रिंट करता है | जैसे:- इंकजेट प्रिंटर्स एवं लेज़र जेट प्रिंटर्स | Inkjet Printer:- इंकजेट प्रिंटर इसमें जेट के माध्यम से आयोनाइज्ड इंक स्प्रे मैग्नेटिक प्लेटों से होता हुआ शीट या पेपर पर डॉक्यूमेंट इमेज या सिम्बल बनाता है | इस प्रिंटर से हाई क्वालिटी प्रिंटिंग होती है | इससे 300 डी० पी० आई० या अधिक की प्रिंट क्वालिटी में प्रिंट किया जा सकता है | लेज़र जेट प्रिंटर इसमें एक बेलनाकार ड्रम होता है | जिसे फोटोरिसेप्टर कहते है, पर लेज़र बीम तब गिरती है जब पेपर प्रिंटर से निकलता है | यह ड्रम इलेक्ट्रीकली पॉजिटिव चार्ज होता है जिस पर लेज़र बीम पैटर्न प्रिंट करता है | एक बार जब पैटर्न ड्रम पर बन जाता है तब यह टोनर कार्टेज से एक लेयर बनकर जो पेपर टोनर से पास होता है पर इमेज प्रिंट करता है | सामान्यतया टोनर ब्लैक होता है परन्तु कलर प्रिंटर के कार्टेज में टोनर स्थान, मैगनेंटा और यलो कलर का होता है | प्रिंटिंग स्पीड काफी तेज होती है और इसकी डीपीआई 600 या इससे भी अधिक होती है | C.P.U. (Central Processing Unit):- प्रोसेसिंग डिवाइस चौथे जनरेशन के कंप्यूटर में प्रोसेसिंग डिवाइस के रूप में उपयोग किया गया इसमें कई सर्किट लगी होती है | एक कम्प्लीट साइकिल को काउंट करने के लिए मदरबोर्ड पर एक क्लॉक लगा होता है जो कि फ्रीक्वेंसी को काउंट करता है | डाटा इंस्ट्रक्शन इनपुट डिवाइस द्वारा प्रोसेसर की तरफ से प्रोसेसिंग के लिए जाता है और प्रोसेसर उसे प्रोसेस करके इन्फोर्मेशन के रूप में आउटपुट डिवाइस पर रिजल्ट प्रदान करता है | यह पूरा कार्य एक चक्र में होता है | पूरी प्रोसेसिंग प्रोसेसर के अन्दर होती है | प्रोसेसर के उदाहरण:- पेंटियम - 1, 2, 3, IV, Dual कोर, कोर- टू डूओ, कोर आई - 3, कोर आई - 5, इत्यादि है | प्रोसेसर के तीन भाग होते है | पहला अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट जो कि तार्किक एवं अंकगणतीय कार्य को प्रोसेस करता है | यह CPU का मुख्य भाग होता है जोकि तार्किक एवं अंकगणतीय कार्य को प्रोसेस करता है | जो भी यूजर के द्वारा बतौर इनपुट दिया जाता है उन पर जरुरी ऑपरेशन करके (चाहे वो अंकगणतीय हो या तार्किक हो) मेमोरी यूनिट को भेज देता है जहाँ से ये कण्ट्रोल यूनिट की मदद से यूजर द्वारा निर्देशित आउटपुट मीडिया पर भेज दिया जाता है | Control Unit:- दूसरा कण्ट्रोल यूनिट जोकि पूरे कंप्यूटर को कण्ट्रोल करता है | यह डाटा / इंस्ट्रक्शन को एनालाइज करके प्रोसेसिंग के लिए भेजता है तत्पश्चात आउटपुट को सही आउटपुट डिवाइस पर भेजने के लिए निर्देशित करता है | ये सब इसके कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आता है | कण्ट्रोल यूनिट जोकि पूरे कंप्यूटर को कण्ट्रोल करता है | यह डाटा / इंस्ट्रक्शन को एनालाइज करके प्रोसेसिंग के लिए भेजता है तत्पश्चात आउटपुट को सही आउटपुट डिवाइस पर भेजने के लिए निर्देशित करता है | ये सब इसके कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आता है | तीसरा मेमोरी यूनिट रजिस्टर को कहा जाता है जोकि प्रोसेसिंग के समय डाटा / इन्फोर्मेशन को अपने पास होल्ड रखता है जो प्रोसेसिंग के दूसरे स्टेप में प्रयोग होता है | इस भाग में कण्ट्रोल यूनिट द्वारा निर्देशित कार्य या सूचना स्टोर होता है ताकि ALU को भेजा जा सके और ALU से प्रोसेस होने के बाद आउटपुट सूचना को तब तक स्टोर करता है जब तक कण्ट्रोल यूनिट इसे उचित आउटपुट मीडिया पर भेजने का निर्देश न दें | इसे रजिस्टर भी कहा जाता है जोकि प्रोसेसिंग के समय डाटा / इन्फोर्मेशन को अपने पास होल्ड रखता है जो प्रोसेसिंग के दूसरे स्टेप में प्रयोग होता है |