विषय पाठ्यक्रम:- आज का टॉपिक !
कंप्यूटर का परिचय, कंप्यूटर क्या है, कंप्यूटर का इतिहास (अबेकस, नेपियर्स बोन्स, स्लाइड रूल, पास्कलाइन, यांत्रिक कैलकुलेटर, जैकार्ड्स लूम, डिफरेंस इंजन, एनालिटिकल इंजन, टेबुलेटिंग मशीन, मार्क-1, ENIAC, EDSAC, EDVAC, UNIVAC),
कंप्यूटर की विशेषताएं (गति, स्वचालित, त्रुटिरहित कार्य, स्टोरेज, गोपनीयता, पुनरावृत्ति, निर्णय लेने की क्षमता, एकरूपता, सुरक्षित सूचनाओं को गति से प्राप्त करना),
कंप्यूटर के अनुप्रयोग (सूचनाओं का आदान-प्रदान, अनुसन्धान, शिक्षा, रेलवे व वायुयान का आरक्षण, डाटा प्रोसेसिंग, चिकित्सा, बैंक, प्रकाशन, प्रशासन, पुस्तकालय, व्यापार, मनोरंजन, रक्षा, अन्तरिक्ष, संचार),
कंप्यूटर के अनुप्रयोग के प्रभाव (त्रुटिरहित कार्य, समय की बचत, गुणवत्ता, बेरोजगारी, कागज की बचत, सीमायें) |
1- परिचय:-
✔ "कंप्यूटर" शब्द अंग्रेजी भाषा के "कंप्यूट" (Compute) शब्द से बना है, जिसका अर्थ है - 'गणना करना'| अतः कंप्यूटर का शाब्दिक अर्थ है - 'गणना करने वाला'|
✔ दूसरे शब्दों में, कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है, जो गणनाएँ करती है या गणनाएँ करने में हमारी सहायता करती है |
✔ आजकल कंप्यूटरों का जो रूप प्रचलित है और उनका जो उपयोग किया जाता है, उसमें गणना करना अर्थात् जोड़ना, घटाना, गुणा करना, भाग देना आदि गणितीय क्रियाएं करना तो उसके द्वारा किये जाने वाले बहुत से कार्यों का एक छोटा-सा भाग मात्र है, लेकिन प्रारंभ में कंप्यूटर की कल्पना और विकास एक ऐसे यंत्र के रूप में की गयी थी, जो तेज़ गति से गणनाएँ कर सके |
2- कंप्यूटर क्या है:-
✔ कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो डाटा तथा निर्देशों को इनपुट के रूप में ग्रहण करता है, और उनका विश्लेषण करके आवश्यक परिणामों को निश्चित प्रारूप में आउटपुट के रूप में निर्गत करता है |
✔ यह डाटा के भण्डारण (Storage) तथा तीव्र गति और शुद्ध ढंग से उसके विश्लेषण का कार्य करता है |
✔ ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार, "कंप्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रानिक मशीन है, जो अनेक प्रकार की तर्कपूर्ण गणनाओं के लिए प्रयोग किया जाता है"|
✔ "कंप्यूटर" शब्द अंग्रेजी के 8 अक्षरों से मिलकर बना है, जो इसके अर्थ को और भी अधिक व्यापक बना देते है -
C Commonly (सामान्य)
O Operated (संचालित)
M Machine (मशीन)
P Particularly (विशेष रूप से)
U Unit (इकाई)
T Technical (तकनीकी)
E Education (शिक्षा)
R Research (शोध करना)
3- कंप्यूटर का इतिहास:-
✔ सबसे पहला और सरल यन्त्र अबेकस था, जिसका आविष्कार 16वीं शताब्दी में ली काई चेन ने चीन में किया था | अबेकस लकड़ी का एक आयताकार ढाँचा होता था, जिसके अन्दर तारों का एक फ्रेम लगा रहता था तथा क्षैतिज तारों में गोलाकार मोतियों के द्वारा गणना की जाती थी |
✔ नेपियर्स बोन्स का आविष्कार जॉन नेपियर ने सन् 1617 ई० में स्कॉटलैंड में किया था | ये जानवरों की हड्डियों से बनी आयताकार पट्टियां होती थी |
10 आयताकार पट्टियों पर 0 से 9 तक के पहाड़े इस प्रकार लिखे होते थे कि पट्टी के दहाई के अंक दूसरी पट्टी के इकाई के अंकों के पास आ जाते थे | गणना के लिए प्रयोग में आने वाली प्रोघोगिकी को राबडोलोगिया कहते थे |
✔ स्लाइड रूल का आविष्कार विलियम ऑटरेड ने सन् 1620 ई० में जर्मनी में किया था | इसमें दो विशेष प्रकार की चिन्हित पट्टियाँ होती थी, जिन्हें बराबर में रखकर आगे-पीछे करके लघुगणक की क्रिया संपन्न होती थी |
पट्टियों पर चिन्ह इस प्रकार होते थे कि किसी संख्या के शून्य वाले चिन्ह से वास्तविक दूरी उस संख्या के किसी साझा आधार पर लघुगणक के समानुपाती होती थी |
✔ पास्कलाइन का आविष्कार ब्लेज पास्कल ने सन् 1642 ई० में फ्रांस में किया था | यह प्रथम मैकेनिकल एडिंग मशीन है | यह मशीन ओडोमीटर एवं घड़ी के सिद्धांत पर कार्य करती थी |
इस मशीन में कई चक्र और पुराने टेलीफोन की तरह घुमाने वाले डायलर होते थे, जिन पर 0 से 9 तक संख्याएँ अंकित होती थी |
✔ लेबनीज का यांत्रिक कैलकुलेटर को गोटफ्रेट वॉन लेबनीज ने सन् 1671 ई० में जर्मनी में बनाया गया था | इस मशीन को लेबनीज की रेकोनिंग मशीन भी कहा जाता है |
✔ जैकार्ड्स लूम का आविष्कार जोसेफ मेरी जैकार्ड ने सन् 1801 ई० में फ्रांस में किया था | यह एक ऐसी बुनाई मशीन थी, जिसमे बुनाई के डिज़ाइन डालने के लिए छिद्र किये हुए कार्डों का उपयोग किया जाता था | यह प्रथम मैकेनिकल लूम था |
✔ डिफरेंस इंजन का आविष्कार सर चार्ल्स बैबेज ने सन् 1822 ई० में इंग्लैंड में किया था | इस मशीन में सॉफ्ट तथा गियर लगे होते थे तथा यह मशीन भाप से चलती थी |
✔ एनालिटिकल इंजन का आविष्कार सर चार्ल्स बैबेज ने सन् 1833 ई० में इंग्लैंड में किया था | इस मशीन को आधुनिक कंप्यूटरर्स का शुरूआती प्रारूप माना जाता है | यह एक मैकेनिकल मशीन थी | इस मशीन के 5 मुख्य भाग थे -
1- इनपुट यूनिट
2- स्टोर
3- मिल
4- कण्ट्रोल
5- आउटपुट यूनिट
✔ टैबुलेटिंग मशीन का आविष्कार हर्मन होलेरिथ ने सन् 1889 ई० में अमेरिका में किया था | इसमें संख्या पढ़ने का कार्य छिद्र किये हुए कार्डों द्वारा किया जाता था | एक समय में एक ही कार्ड को पढ़ा जाता था |
1896 ई० में होलेरिथ ने टैबुलेटिंग मशीन कम्पनी की स्थापना की, जो पंचकार्ड यंत्र का उत्पादन करती थी | 1924 ई० में इसका नाम इंटर नेशनल बिजनेस मशीन (IBM) कर दिया गया |
✔ मार्क- 1 का आविष्कार हॉवर्ड आइकन ने सन् 1944 ई० में अमेरिका में किया था | यह विश्व का प्रथम स्वचालित विधुत यांत्रिक गणना यंत्र था |
इसमें इंटरलॉकिंग पैनल के छोटे गियर्स, काउण्टर, स्विच और नियंत्रण सर्किट होते थे | डाटा मैन्युअल रूप से इंटर किया जाता था | स्टोरेज के लिए मैगनेटिक ड्रम प्रयोग किये जाते थे |
✔ एनिएक (ENIAC) का आविष्कार जेपी एकर्ट और जॉन मॉचली ने सन् 1946 ई० में अमेरिका में किया था | यह 20 Accumulators (बिजली संचयक यंत्र) का एक संयोजन था, इसमें 18000 वैक्यूम ट्यूब्स लगी थी | यह पहला डिजिटल कंप्यूटर था |
✔ एडसैक (EDSAC) का आविष्कार मैरिस विल्कस ने सन् 1949 ई० में लन्दन (UK) में किया था | यह पहला प्रोग्राम संगृहित डिजिटल कंप्यूटर था | यह वर्गों के पहाड़ों की भी गणना कर सकता था | यह मर्करी डिलेय लाइनस का प्रयोग मेमोरी और वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग लॉजिक के लिए करता था |
✔ एडवैक (EDVAC) का आविष्कार जॉन वॉन न्यूमेन ने सन् 1950 ई० में अमेरिका में किया था | यह 30 टन बड़ा व 150 फीट चौड़ा कंप्यूटर था |
✔ यूनिवैक (UNIVAC) का आविष्कार जे० प्रेस्पर एकर्ट और जॉन मॉचली ने सन् 1951 ई० में अमेरिका में किया था | यह इनपुट व आउटपुट की समस्याओं को अतिशीघ्र हल करता था |
यह सामान्य उद्देश्य के लिए प्रयोग किये जाने वाला प्रथम इलेक्ट्रानिक कंप्यूटर था | यह सांख्यिकी और शाब्दिक दोनों प्रकार के डाटा को संसाधित करता था |
4- कंप्यूटर की विशेषताएं :-
कंप्यूटर की कुछ विशेषताएं है, जो की निम्नलिखित है |-
A- गति:-
कंप्यूटर 1 सेकंड में एक मिलियन से भी अधिक गणनाएँ कर सकता है | किसी मनुष्य द्वारा पूरे वर्ष में किये जाने वाले कार्य को कंप्यूटर कुछ ही सेकंड में कर सकता है |
कंप्यूटर के प्रोसेसर की गति को हर्ट्ज (Hz) में मापते है | वर्तमान समय में कंप्यूटर नैनो सेकंड (10⁹ सेकंड) में गणनाएँ कर सकता है |
B- स्वचालित:-
कंप्यूटर एक स्वचालित मशीन है, जिसमें गणना के दौरान मानवीय हस्तक्षेप की संभावना नगण्य रहती है | कंप्यूटर को कार्य करने के निर्देश मनुष्य द्वारा ही दिए जाते है, पर एक बार आदेश दिए जाने के बाद वह बिना रुके लगातार कार्य करता रहता है |
C- त्रुटिरहित कार्य:-
कंप्यूटर की गणनाएँ त्रुटिरहित होती है | परन्तु गणना के दौरान अगर कोई त्रुटी पायी भी जाती है, तो वह प्रोग्राम या डाटा में मानवीय गलतियों के कारण होती है |
यदि डाटा या प्रोग्राम सही है तो कंप्यूटर हमेशा सही परिणाम ही देता है, कभी - कभी Virus के कारण भी कंप्यूटर में त्रुटियाँ आ सकती है |
D- स्थाई स्टोरेज क्षमता:-
कंप्यूटर में प्रयुक्त मेमोरी को डाटा, सूचना और निर्देशों के स्थाई स्टोरेज के लिए प्रयोग किया जाता है, कंप्यूटर में सूचनाएँ इलेक्ट्रानिक ढंग से संग्रहित की जाती है | अतः सूचना के समाप्त होने की संभावना नगण्य रहती है |
E- गोपनीयता:-
कंप्यूटर में पासवर्ड के प्रयोग द्वारा किसी भी कार्य को गोपनीय बनाया जा सकता है | पासवर्ड के प्रयोग से कंप्यूटर में रखे डाटा और कार्यक्रमों को केवल पासवर्ड जानने वाला व्यक्ति ही देख या बदल सकता है |
F- पुनरावृत्ति:-
कंप्यूटर को निर्देश देकर एक ही समय में कई तरह के कार्य बार - बार समान विश्वसनीयता और तीव्रता से कराएँ जा सकते है |
G- जल्द निर्णय लेने की क्षमता:-
कंप्यूटर परिस्थितियों का विश्लेषण कर पूर्व में दिए गए निर्देशों के आधार पर तीव्र निर्णय लेने की क्षमता रखता है |
H- कार्य की एकरूपता:-
बार - बार तथा लगातार एक ही कार्य करने के बावजूद भी कंप्यूटर के कार्य की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है |
I- सुरक्षित सूचना को तीव्र गति से प्राप्त करना:-
कंप्यूटर द्वारा कुछ ही सेकण्ड में कंप्यूटर में सुरक्षित सूचना में से आवश्यक सूचना प्राप्त किया जा सकता है | रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM) के प्रयोग से यह काम और भी सरल हो गया है |
J- विशाल स्टोरेज क्षमता:-
कंप्यूटर के बाहरी तथा आतंरिक संग्रहण माध्यमों (हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, मैगनेटिक टेप, सी० डी० ROM) में असीमित डाटा और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है |
5- कंप्यूटर के सामान्य अनुप्रयोग:-
कंप्यूटर का अनुप्रयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जा रहा है -
a- सूचनाओं का आदान - प्रदान:-
स्टोरेज की विभिन्न पध्दतियों के विकास और कम स्थान घेरने के कारण ये सूचनाओं के आदान-प्रदान के बेहतर माध्यम साबित हो रहे है | Internet के विकास ने इसे सूचना का राजमार्ग बना दिया है |
b- वैज्ञानिक अनुसन्धान:-
विज्ञान के अनेक जटिल रहस्यों को सुलझाने में कंप्यूटर की सहायता ली जा रही है | कंप्यूटर से परिस्थितियों का उचित आकलन भी संभव हो पाता है |
c- शिक्षा:-
कंप्यूटर आधारित शिक्षा एवं मल्टीमीडिया के विकास ने इसे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बना दिया है |
d- रेलवे और वायुयान आरक्षण:-
कंप्यूटर की सहायता से किसी भी स्थान से अन्य स्थानों के रेलवे और वायुयान के टिकट लिए जा सकते है तथा इसमें गलती की संभावना भी नगण्य रहती है |
e- डाटा प्रोसेसिंग:-
कंप्यूटर का प्रयोग बड़े और विशाल सांख्यिकीय डाटा से सूचना तैयार करने में किया जा रहा है, तथा जनगणना, सांख्यिकी विश्लेषण आदि में भी इसका प्रयोग किया जा रहा है |
f- चिकित्सा:-
शरीर के अन्दर के रोगों का पता लगाने, उनके विश्लेषण और निदान में कंप्यूटर का विस्तृत प्रयोग किया जा रहा है | साथ ही CT स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, आँखों की जाँच इत्यादि में भी कंप्यूटर का ही प्रयोग किया जा रहा है |
g- बैंक:-
कंप्यूटर के अनुप्रयोग ने बैंकिंग क्षेत्र में क्रांति ला दी है, ATM तथा ऑनलाइन बैंकिंग, चेक के भुगतान, रूपये गिनना तथा पासबुक एंट्री में भी कंप्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है |
h- प्रकाशन:-
प्रकाशन और छपाई में कंप्यूटर का प्रयोग इसे सुविधाजनक तथा आकर्षक बनाता है | रेखाचित्रों और ग्राफ का निर्माण अब सुविधाजनक हो गया है |
i- प्रशासन:-
प्रशासन में पारदर्शिता लाने, सरकार के कार्यों को जनता तक पहुँचाने तथा विभिन्न प्रशासनिक तंत्रों में बेहतर तालमेल के लिए ई-प्रशासन का उपयोग कंप्यूटर की सहायता से ही संभव हो पाया है |
j- डिजिटल पुस्तकालय:-
पुस्तकों को अंकीय स्वरुप प्रदान कर उन्हें अत्यंत कम स्थान में अधिक समय के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है | इसे Internet से जोड़ देने पर किसी भी स्थान से पुस्तकालय में संग्रहित सूचना को प्राप्त किया जा सकता है |
k- उद्योग व व्यापार:-
उद्योगों में कंप्यूटर के प्रयोग से बेहतर गुणवत्ता वाली वस्तुओं का उत्पादन संभव हो पाया | व्यापार में कार्यों और स्टॉक का लेखा-जोखा रखने में कंप्यूटर सहयोगी सिद्ध हुआ है |
l- मनोरंजन:-
सिनेमा, टेलीविजन के कार्यक्रम, विडियो गेम में कंप्यूटर का उपयोग कर प्रभावी मनोरंजन प्रस्तुत किया जा रहा है | मल्टीमीडिया के प्रयोग ने कंप्यूटर को मनोरंजन का उत्तम साधन बना दिया है |
m- रक्षा:-
रक्षा अनुसन्धान, वायुयान नियंत्रण, मिसाइल, रडार आदि में कंप्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है |
n- अन्तरिक्ष प्रौद्योगिकी:-
कंप्यूटर की तीव्र गणना क्षमता के कारण ही ग्रहों, उपग्रहों और अन्तरिक्ष की घटनाओं का सूक्ष्म अध्ययन की जा सकता है | कृत्रिम उपग्रहों में भी कंप्यूटर का विशेष प्रयोग हो रहा है |
o- संचार:-
आधुनिक संचार व्यवस्था कंप्यूटर के प्रयोग के बिना संभव नहीं है | टेलीफ़ोन और इन्टरनेट ने संचार क्रांति को जन्म दिया है |
6- कंप्यूटर के अनुप्रयोग के प्रभाव:-
कंप्यूटर के अनुप्रयोगिक प्रभाव निम्न स्थिति में पड़ सकते है जो कि निम्नलिखित है -
1- त्रुटिरहित कार्य:-
कंप्यूटर के प्रयोग से किसी भी कार्य में त्रुटी की संभावना नगण्य हो जाती है | जो त्रुटी होती भी है, तो वह गलत प्रयोग का परिणाम है , जिसे पहचानकर सही किया जा सकता है |
2- समय की बचत:-
कंप्यूटर के कार्य करने की गति अत्यंत तीव्र है, अतः मनुष्य द्वारा एक वर्ष में पूर्ण किये जाने वाले कार्यों को कंप्यूटर की सहायता से कुछ ही मिनटों में किया जा सकता है |
3- कार्य की गुणवत्ता:-
कंप्यूटर प्रत्येक कार्य को हर बार समान गुणवत्ता से करता है, अतः बार-बार एक ही कार्य को करने के पश्चात भी उत्पाद की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है |
4- बेरोजगारी:-
यह कंप्यूटर के विस्तृत अनुप्रयोग का एक नकारात्मक प्रभाव है, एक कंप्यूटर द्वारा सैकड़ो लोगों का कार्य किया जा सकता है, जिससे लोगों की जीविका पर प्रभाव पड़ता है|
परन्तु वैकल्पिक व्यवस्था और समुचित विकास द्वारा इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है, और कंप्यूटर से सम्बंधित क्षेत्रों में रोजगार का सृजन भी किया जा सकता है |
5- कागज की बचत:-
डाटा संग्रहण की इलेक्ट्रानिक विधियों के उपयोग और उनकी विशाल स्टोरेज क्षमता के कारण कंप्यूटर के प्रयोग से कागज की बचत संभव हो पाती है |
7- कंप्यूटर की सीमायें:-
👉 कंप्यूटर में स्वयं की सोचने और निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती है | यह केवल दिए गए दिशा-निर्देशों के अंतर्गत कार्य कर सकता है | अतः यह बुद्धिहीन है |
👉 कंप्यूटर के हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर काफी महँगें होते है, तथा इन्हें समय-समय पर आवश्यकतानुसार बदलना भी पड़ता है |
👉 कंप्यूटर में वायरस का खतरा बना रहता है जो सूचना और निर्देशों को दूषित या समाप्त कर सकता है | ये वायरस कंप्यूटर की स्टोरेज क्षमता को प्रभावित करते है | हालाँकि एंटीवायरस सॉफ्टवेयर के प्रयोग से कंप्यूटर को बचाया जा सकता है |
👉 कंप्यूटर एक यांत्रिक मशीन है जिस कारण कंप्यूटर को क्रियाशील करने के लिए बिजली (Light) एक अनिवार्य आवश्यकता है | बिना बिजली के कंप्यूटर एक डिब्बे के समान है |