Computer Basic part 9 (ADCA - Basic GUI Operating System Details)

Previous Page>>

विषय पाठ्यक्रम:- आज का टॉपिक !

ऑपरेटिंग सिस्टम  का परिचय, ऑपरेटिंग सिस्टम का उद्देश्य, 

ऑपरेटिंग सिस्टम के बेसिक्स (ऑपरेटिंग सिस्टम, ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य,

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार (रियल टाइम, सिंगल यूजर, टाइम शेयरिंग, बैच, मल्टी प्रोग्रामिंग, मल्टी प्रोसेसिंग, मल्टी थ्रेडिंग, सिंगल यूजर व मल्टी टास्किंग, मल्टी यूजर व मल्टी टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम्स)),

लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम के बेसिक्स (Linux (Linux में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर),

Windows (विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के संस्करण और विशेषताएं, विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य,

विंडोज की संरचना (टाइटल बार, मेनूबार , टूलबार, पैनल्स, स्क्रॉल बार))) |

ऑपरेटिंग सिस्टम का परिचय:-

ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर का सबसे महत्वपूर्ण और अनिवार्य अंग होता है | इसका कार्य कई प्रकार का होता है |

एक ओर तो यह कंप्यूटर के सभी भागों पर नियंत्रण रखकर उनमे उचित तालमेल बैठाता है तथा उनसे अच्छे से अच्छे कार्य करा लेता है, तो दूसरी ओर यह यूजर द्वारा दिए गये आदेशों को समझकर उनका पालन करता है और प्रोग्रामों को चलाता है |

अमेरिकन नेशनल स्टैंडर्ड संस्थान (ANSI) ने ऑपरेटिंग सिस्टम को इस प्रकार परिभाषित किया है - "यह वह सॉफ्टवेयर है, जो कंप्यूटर प्रोग्रामों के पालन को नियंत्रित करता है तथा निर्धारित डिवाइडिंग, इनपुट/आउटपुट कन्ट्रोल, एकाउंटिंग, संकलन, भण्डार प्रबन्धन आदि से सम्बंधित सेवाएँ उपलब्ध कराता है |"

उद्देश्य:-

ऑपरेटिंग सिस्टम के उद्देश्य निम्नलिखित है:-

1- ऑपरेटिंग सिस्टम के बेसिक्स |

2- लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम के बेसिक्स (विन्डोज़, लिनक्स) |

3- ऑपरेटिंग सिस्टम सिंपल सेटिंग |

4- विन्डोज़ में फाइल और डाइरेक्टरी मैनेजमेन्ट |

1- ऑपरेटिंग सिस्टम के बेसिक्स:-

ऑपरेटिंग सिस्टम आपके सिस्टम पर चलने वाला सबसे महत्वपूर्ण प्रोग्राम है | यह यूजर और कंप्यूटर हार्डवेयर के मध्य एक मध्यस्थ का कार्य करता है |

ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर में सिस्टम सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का एक सेट होता है जो एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर प्रोग्राम द्वारा कंप्यूटर हार्डवेयर के उपयोग करने का ढंग एवं यूजर्स द्वारा कंप्यूटर को कण्ट्रोल करने के तरीके को नियंत्रित करता है | यह कंप्यूटर रिसोर्सेज, मेमोरी, सी०पी०यू०, प्रिंटर, डिस्क, डाटाबेस तथा अन्य सॉफ्टवेयर का प्रबन्धन करता है |

A- ऑपरेटिंग सिस्टम:-

वे सॉफ्टवेयर्स, जिनकी सहायता से कंप्यूटर कार्य कर सकने की स्थिति में आता है, ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर्स कहलाते है | यह कंप्यूटर हार्डवेयर एवं विभिन्न एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर्स के मध्य सम्बन्ध स्थापित करता है | इसके बिना कंप्यूटर अपूर्ण है | इसको "कंप्यूटर की आत्मा" भी कहा जाता है |

B- ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य:-

ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य निम्न प्रकार है - यह किसी कंप्यूटर सिस्टम के सभी संसाधनों के प्रबन्धन के लिए उत्तरदायी होता है | कंप्यूटर सिस्टम चलाने के लिए दिए गये सभी कमाण्ड्स (आदेशों) को यह प्रोसेस करता है |

यह कई सारे प्रोग्राम के निष्पादन को नियंत्रित करता है | यह प्रोग्राम एग्जीक्यूशन, डाटा मनेजमेंट, प्रोसेस मनेजमेंट, रिसोर्स एप्लीकेशन तथा इनपुट-आउटपुट ऑपरेशन्स से सम्बंधित कार्य करता है |

C- ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार:-

ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर एप्लीकेशन और नियंत्रण के आधार पर निम्न प्रकार के होते है:-

1- रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम:-

इसका उद्देश्य यूजर को तीव्र रेस्पोंस टाइम उपलब्ध कराना है | इसमें यूजर का हस्तक्षेप कम होता है व साथ ही यदि कोई प्रोग्राम एक निश्चित अवधि में पूर्ण नहीं हो पाता तो आगे प्रोग्राम में त्रुटि आ जाएगी तथा परिणाम रुक जायेगा | उदाहरण:- Linux, MTOS आदि |

2- सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम:-

इसके अंतर्गत एक समय में एक ही यूजर प्रभावी रूप से कार्य कर सकता है | उदाहरण:- DOS, विंडोज XP आदि |

3- टाइम-शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम या मल्टी-टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम:-

इस ऑपरेटिंग सिस्टम के अंतर्गत कई यूजर्स एक संसाधन को क्रमानुसार एक निश्चित समयावधि के लिए प्रयोग कर सकते है | इस ऑपरेटिंग सिस्टम में मेमोरी प्रबन्ध अति आवश्यक है | उदाहरण:- यूनिक्स, विंडोज 2000.

4- बैच प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम:-

इसमें एक जैसे कार्यों को एक समूह में संकलित कर लेते है, जिन्हें बैच (Batch) कहा जाता है ये यूजर के हस्तक्षेप के बिना प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वयन बैच में होता है |

5- मल्टी-प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम:-

इसमें एक से अधिक प्रोग्राम या कार्य को सीपीयू द्वारा दिए गये निश्चित समय पर एक साथ क्रियान्वित किया जा सकता है | इस निश्चित समय को टाइम स्लाइस कहते है |

6- मल्टी-प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम:-

इस सिस्टम में दो या दो से अधिक सी०पी०यू० का प्रयोग किया जाता है | उदाहरण:- लाइनक्स, यूनिक्स आदि |

7- मल्टी-थ्रेडिंग ऑपरेटिंग सिस्टम:-

इस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक बार में एक से अधिक जॉब्स के एग्जीक्यूशन को सपोर्ट किया जा सकता है | उदाहरण:- विंडोज 2000, लाइनक्स आदि |

8- सिंगल यूजर मल्टी-टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम:-

इस ऑपरेटिंग सिस्टम की सहायता से यूजर एक बार में कई प्रोग्राम रन कर सकता है | उदाहरण:- एप्पल का मैकिन्टोश माइक्रोसॉफ्ट विंडोज आदि |

9- मल्टी-यूजर मल्टी-टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम:-

इस ऑपरेटिंग सिस्टम में कई यूजर कंप्यूटर पर कार्य कर सकते है | इस ऑपरेटिंग सिस्टम में नेटवर्क सिस्टम का प्रयोग किया जाता है | उदाहरण:- विंडोज एनटी, यूनिक्स आदि |

2- लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम के बेसिक्स:-

लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम की श्रेणी में मुख्य रूप से दो ही ऑपरेटिंग सिस्टम है | एक तो लाइनक्स (Linux) और दूसरा विंडोज (Windows) ऑपरेटिंग सिस्टम |

1- लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम:-

A- Linux एक Unix आधारित मल्टी-प्रोग्रामिंग, मल्टी-टास्किंग, मल्टी-यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसे मूलतः IBM PC के लिए बनवाया गया था |

B- Linux अपने आप में एक ऑपरेटिंग सिस्टम Kernel जो अपने साथ वितरित होने वाले अनेक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर्स के साथ उपलब्ध होता है |

C- Linux एवं अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम में सबसे बड़ा अंतर यह है कि यह अपने सोर्स कोड सहित इन्टरनेट पर मुफ्त उपलब्ध है, जिसे डाउनलोड कर कोई भी व्यक्ति उसमे अपनी आवश्यकतानुसार परिवर्तन कर सकता है |

D- Linux को सर्वप्रथम 5 अक्टूबर, 1991 को जारी गया |इसका विकास लाइनक्स टॉरवैल्ड्स ने किया, जब वे हेलसिंकी विश्वविद्यालय के छात्र थे | टॉरवैल्ड्स ने इसकी शुरुआत ऑपरेटिंग सिस्टम Kernel लिखने से की |

E- Kernel लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का केन्द्रीय भाग है जिसे आधार बनाकर सम्पूर्ण ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित हुआ | लाइनक्स के तीन भाग - Kernel, Shell और File Syatem होते है |

लाइनक्स के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर रिक्वायरमेंट्स:-

Red Hat Linux 7.2 को कंप्यूटर पर इनस्टॉल करने के लिए प्रोसेसर X386 या इससे भी एडवांस होना चाहिए | RAM कम-से-कम 128 MB होना चाहिए | कंप्यूटर में SCSI, IDE तथा FireWire जैसे कन्ट्रोलर कार्ड्स होने चाहिए | नेटवर्क कार्ड ISA, PCI या USB इनस्टॉल होने चाहिए |

2- विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम:-

विंडोज 32/64 बिट मल्टी टास्किंग ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर है | 1980 के दशक में जिरॉक्स कॉर्पोरेशन कंपनी द्वारा ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस पर आधारित जिरॉक्स स्टार (Xerox Star) नामक कंप्यूटर का विकास किया गया |

ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस को लोकप्रियता एप्पल कंप्यूटर द्वारा विकसित मैकिन्टोश (Macintosh) कंप्यूटर द्वारा मिली | 1980 के दशक के उत्तरार्द्ध में विंडोज सबसे अधिक लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम बन गया था |यह IBM कम्पनी द्वारा आधिकारिक रूप से स्वीकृत एवं उपयोग किया गया था |

माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित किये गये सभी विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस (GUI) उपलब्ध कराते है | विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम से पहले के ऑपरेटिंग सिस्टम कैरेक्टर यूजर इंटरफ़ेस (CUI) उपलब्ध कराते थे |

विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के संस्करण एवं विशेषताएं:-

1- विंडोज 1.0 के जारी होने का वर्ष 1985 तथा इसकी मुख्य विशेषता GUI आधारित विंडोज का प्रथम संस्करण एवं आवश्यकता पर मल्टी टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम था |

2- विंडोज 2.0 के जारी होने का वर्ष 1987 तथा इसकी मुख्य विशेषता एक विंडो पर दूसरी विंडो आसानी से कार्य कर सकती थी |

3- विंडोज 2.1 के जारी होने का वर्ष 1988 तथा इसकी मुख्य विशेषता यह थी कि यह एक प्रकार की आभासी मशीनें थी |

4- विंडोज 3.0 के जारी होने का वर्ष 1990 तथा इसकी मुख्य विशेषता इसमें प्रोग्राम मैनेजर व फाइल मैनेजर की सुविधा उपलब्ध थी |

5- विंडोज 3.1 के जारी होने का वर्ष 1992 तथा इसमें मल्टीमीडिया क्षमता, नेटवर्क क्षमता तथा माइक्रोसॉफ्ट मेल की सुविधा उपलब्ध थी |

6- विंडोज NT 3.1 के जारी होने का वर्ष 1993 तथा इसमें 32 बिट नेटवर्किंग व 32 बिट फाइल सिस्टम की सुविधा उपलब्ध थी |

7- विंडोज 95 के जारी होने का वर्ष 1995 तथा इसमें पूर्ण 32 बिट ऑपरेटिंग सिस्टम, मल्टी-टास्किंग, नेटवर्क, क्षमताएं, लम्बे फाइल नाम, तथा विस्तारण की सुविधा उपलब्ध थी |

8- विंडोज 98 के जारी होने का वर्ष 1998 तथा इसमें इंटरनेट पर कार्य करने की विशेष सुविधाएँ उपलब्ध थी |

9- विंडोज 2000/ME के जारी होने का वर्ष 2000 तथा इसमें नेटवर्क बनाने की विशेष सुविधा उपलब्ध थी |

10- विंडोज XP के जारी होने का वर्ष 2001 तथा इसमें नेटवर्किंग के साथ अन्य विशेष सुविधाएँ उपलब्ध थी |

11- विंडोज Vista के जारी होने का वर्ष 2006 तथा इसमें ज्यादा Security और विशेष सुविधाएँ उपलब्ध थी |

12- विंडोज 7 के जारी होने का वर्ष 2009 तथा इसमें नेटवर्किंग और टूल बार तथा मेन्यू बार की सुविधा उपलब्ध है |

13- विंडोज 8 के जारी होने का वर्ष 2012 तथा इसमें यूजर के अनुभव के लिए चिपसेट और विशेष सुविधाएं उपलब्ध है |

14- विंडोज 10 के जारी होने का वर्ष 2014 तथा इसको विंडोज 7 तथा विंडोज 8 से मिलाकर बनाया गया है यह अन्य संचालन प्रणाली के अपेक्षाकृत अधिक तेजी से कार्य करती है |

15- विंडोज 11 के जारी होने का वर्ष 2021 तथा इसको एंड्राइड एप्स के समर्थन के लिए बनाया जा रहा है |

विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य:-

1- विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित है |

2- विंडोज पर्सनल कंप्यूटर का ध्यान रखता है और बैकग्राउंड में कई कार्य करता है |

3- विंडोज आपके लिए एप्लीकेशन प्रोग्राम स्टार्ट करने के तरीके प्रदान करता है |

4- विंडोज आपको फाइल्स मैनेज करने का एक तरीका प्रदान करता है |

5- विंडोज आपको इन्टरनेट एक्सेस के सेटअप में मदद करता है |

6- विंडोज आउटलुक ऐक्सप्रेस के साथ आता है जो एक ई-मेल प्रोग्राम है |

7- विंडोज बहुत से उपयोगी एक्सेसरीज प्रोग्राम्स के साथ आता है जैसे- वर्डपैड और वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम्स |

8- विंडोज डेस्कटॉप और मॉनिटर के अन्य स्क्रीन क्षेत्रों को कस्टमाइज करने का तरीका प्रदान करता है |

विंडोज की संरचना:-

विंडोज की संरचना (Structure) जानने के लिए हम डेस्कटॉप विंडो पर स्टार्ट मेन्यू आप्शन में My Computer पर क्लिक करते है | क्लिक करते ही मॉनिटर स्क्रीन My Computer विंडो का प्रदर्शन होता है | विंडोज की संरचना को विस्तृत रूप से जानने के लिए निम्नलिखित भागों का अध्ययन आवश्यक है |

1- टाइटिल बार:-

प्रत्येक विंडो की एक टाइटिल बार होती है | इस पर ही विंडो का शीर्षक प्रदर्शित होता है तथा इस शीर्षक के बाईं ओर इस विंडो से सम्बंधित आइकन प्रदर्शित होते है | जिसे मेन्यू आइकन कहते है | टाइटिल बार में Restore, Move, Size, Minimize तथा Maximize ऑप्शन का प्रयोग किया जाता है |

2- मेन्यू बार:-

अधिकांश सभी विंडोज में मेन्यू बार होती है, मेन्यू बार पर विभिन्न कमाण्ड्स ग्रुप्स के रूप में दी रहती है | प्रत्येक ग्रुप का नाम मेन्यू बार पर मेन्यू के नाम के रूप में प्रदर्शित होता है | इस नाम पर क्लिक करने पर एक ड्रॉप लिस्ट प्रदर्शित होती है | जिसके द्वारा हम अपने सिस्टम को कमाण्ड्स प्रदान करते है |

3- टूल बार:-

विंडो में मेन्यू बार के नीचे अनेक आइकन्स, बटन्स के रूप में एक पट्टी पर प्रदर्शित होते है बटन्स की यह पट्टी ही टूल बार कहलाती है | विंडो के साथ सामान्यतः व्यवहार में आने वाली कमाण्ड्स टूल बार पर टूल बटन्स के रूप में प्रदर्शित होती है |

4- पैनल्स:-

सामान्यतः विंडोज XP की विंडोज में बाई ओर के भाग में कुछ पैनल्स का प्रदर्शन होता है | पैनल का नाम, ऊपर की ओर एक पट्टी पर लिखा होता है | यदि टूल बार पर स्थित Folder टूल बटन पर क्लिक कर दिया जाये तो पैनल्स का प्रदर्शन होना बंद हो जाता है |

5- स्क्रॉल बार:-

एप्लीकेशन विंडो की डॉक्यूमेंट विंडो, प्रदर्शित होने वाली सूचनाएं कभी-कभी एक पेज पर प्रदर्शित हो जाती है | ऐसी परिस्थिति में पेज को दायें-बाएं अथवा ऊपर-नीचे विस्थापित करने के लिए इस विंडो में नीचे की ओर क्षैतिज स्क्रॉल बार तथा दाईं ओर उर्ध्वाधर स्क्रॉल बार स्थित होती है |

Next Page>>

Post a Comment

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post