विषय पाठ्यक्रम:- आज का टॉपिक !
स्टोरेज यूनिट,
सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइसेस (फ्लॉपी डिस्क, हार्डडिस्क (Platter, Heads, Actuator, Tracks, Sector, Cluster, Cylinder)),
ऑप्टिकल डिस्क सीडी रोम (नार्मल सीडी, RWO डिस्क, DVD रोम),
मास स्टोरेज डिवाइस, USB थंब डिवाइस |
Storage Units:-
स्टोरेज यूनिट मेमोरी डिवाइस को ही कहा जाता है जो किसी डाटा या इन्फोर्मेशन को परमानेंट स्टोर करता है ताकि इसे किसी अन्य जगह किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में स्थानान्तरित किया जा सके |
ये स्टोरेज यूनिट या डिवाइस कुछ इस प्रकार हो सकते है जैसे:- हार्ड डिस्क, फ़्लैश ड्राइव, फ्लॉपी, ऑप्टिकल डिस्क, ज़िप ड्राइव इत्यादि |
Secondary Storage Devices:-
यह एक नॉन - वोलाटाइल नेचर की मेमोरी होती है जो किसी भी डाटा या इन्फोर्मेशन को हमेशा सुरक्षित रखती है जब तक की आप उससे स्वयं छेड़छाड़ न करें |
इसे सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस कहा जाता है जो प्राइमरी मेमोरी की तुलना में थोड़ी धीमी तथा कीमत में सस्ती होती है | इसके उदाहरण:- फ्लॉपी डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क, मैग्नेटिक डिस्क इत्यादि |
Floppy Disk:-
फ्लॉपी डिस्क एक प्रकार की चुम्बकीय डिस्क तकनीक पर आधारित डिवाइस है | फ्लॉपी में मैग्नेटिक टेप होता है जबकि मैग्नेटिक डिस्क की तरह ट्रैक और सेक्टर फंक्शन होते है |
जो डाटा या इन्फोर्मेशन को परमानेंटली स्टोर करता है | फ्लॉपी डिस्क यह रिमूवेबल डिवाइस या डाटा ट्रेवलर और री-राईटेबल है | फ्लॉपी डिस्क माइलर प्लास्टिक के सपाट, गोलाकार टुकड़े होते है जो जैकेट के भीतर घूमते है |
सर्कुलर प्लास्टिक फिल्म को ट्रैक और सेक्टर में बांटा गया है | फ्लॉपी डिस्क का आकार 3.5 इंच है और फ्लॉपी डिस्क की भण्डारण क्षमता 1.44 एमबी है |
हार्ड डिस्क धातु से बनी ऐसी मैग्नेटिक डिवाइस होती है जो एक चुम्बकीय रिकॉर्डिंग सतह से ढकी होती है, जो एक बड़ी मात्रा में डाटा को स्टोरेज हेतु प्रयोग की जाती है |
यह अधिक स्थिर एवं मजबूत होती है | इसकी ट्रैक और बिट डेन्सीटीज, मैग्नेटिक टेप की अपेक्षा काफी अधिक होती है | यह फ्लॉपी डिस्क की तुलना में अधिक तेजी से अधिक डाटा को स्टोर कर सकती है |
हार्ड डिस्क ड्राइव इंटरनल एवं एक्सटर्नल दो प्रकार की होती है | हार्ड डिस्क ड्राइव में प्लाटर, हेड्स, ट्रैक्स, सेक्टर, क्लस्टर, सिलेंडर इत्यादि कम्पोनेंट होते है | हार्ड डिस्क ड्राइव को एमबी, जीबी, और टीबी आदि में मापा जाता है |
Platter:-
हार्ड डिस्क ड्राइव के भीतर वास्तविक फिक्स्ड डिस्क, और हार्ड डिस्क के भीतर कई प्लैटर्स हो सकते है सामान्यतः प्लैटर्स गोल होते है और बीच में एक छेद होता है |
रिकॉर्ड प्लेयर पर इस्तेमाल किये गए रिकॉर्ड के समान मोटर के साथ एक स्पिंडल प्लैटर्स को एक साथ रखता है और उन्हें RPM (Revolutions per Minute) में मापी गयी एक निश्चित गति से घुमाता है | यह वायु दाब बनाता है | जो प्लैटर्स से पढ़ने/लिखने वाले सिर को हटा देता है |
Heads:-
सभी हेड्स सिंगल हेड एक्चुएटर, या एक्चुएटर आर्म से जुड़े होते है, जो हेड्स को प्लैटर्स के चारों ओर घुमाते है |
पुराने हार्ड ड्राइव में स्टेपर मोटर एक्चुएटर का उपयोग किया जाता था, जो स्टेपर पल्स एक्चुएटर पर प्रतिक्रिया करने वाली मोटर के आधार पर हेड को स्थानांतरित करता था |
Actuator:-
एक्चुएटर विधुत धाराओं से प्रेरित वॉइस कॉइल्स का उपयोग करके एक्चुएटर आर्म को प्लैटर्स पर सही स्थिति में ले जाता है |
जब कोई बिजली का प्रवाह प्राप्त नहीं हो रहा है तो एक्चुएटर आर्म को रीड/राईट हेड्स को पार्क की स्थिति में रखने के कारण बनता है |
Tracks:-
ट्रैक बड़े खंड जो प्लोटर को पूरी तरह से घेरते है जैसे म्यूजिक रिकॉर्ड पर खांचे (ट्रैक) होते है, वैसे ही प्रत्येक प्लेट पर ट्रैक भी होते है | ये ट्रैक समान रूप से प्लेटर की सतह पर फैले हुए है |
Sector:-
सेक्टर प्लेटर को पाई के आकार के स्लाइस में विभाजित किया जाता है, जिन्हें सेक्टर कहा जाता है | अब सेक्टरों के बारे में भ्रमित करने वाली बात यह है कि जहाँ एक ट्रैक एक सेक्टर के साथ प्रतिच्छेद करता है, वहां सेक्टर (ब्लॉक) - आकार में 512 बाइट्स - डेटा के लिए वास्तविक भण्डारण क्षेत्र है |
Cluster:-
सेक्टरों का एक समूह एक क्लस्टर बनाता है जो एक फाइल के लिए आवंटन इकाई है - जिसका अर्थ है कि एक फाइल कहा पर सुरक्षित है |
जब एक विभाजन डिस्क पर स्थान का एक तार्किक विभाजन स्वरूपित होता है तो फाइल सिस्टम विभाजन आकार के आधार पर आकार निर्धारित करता है |
उदाहरण के लिए:- एक 2GB FAT विभाजन 32K क्लस्टर आकार का उपयोग करता है | वही 2GB विभाजन जिसे FAT32 के रूप में स्वरूपित किया गया है, केवल 4K का उपयोग करता है |
Cylinder:-
सिलेंडर हार्ड डिस्क के सभी प्लैटर्स में समान संख्या में ट्रैक होते है, यह संख्या एक हार्ड डिस्क से दूसरे में भिन्न होती है | ये ट्रैक 0 (शून्य) से शुरू होकर, बाहर से अन्दर से गिने जाते है |
उदाहरण के लिए:- दस पटरियों वाले एक प्लाटर पर, प्लाटर के बाहरी किनारे के सबसे करीब ट्रैक 0 है, और केंद्र के सबसे नजदीक ट्रैक 9 है |
Optical Disk CD ROM:-
ऑप्टिकल डिस्क यह डाटा स्टोरेज का एडवांस टेक्नोलॉजी है जिसमें डाटा को लेजर बीम द्वारा रीड और राइट किया जाता है |
इसके लिए किसी मूव एक्सेस आर्म और रीड राइट हेड की जरुरत नहीं होती क्योंकि लेजर बीम इलेक्ट्रानिकली मूव हो सकती है |
डाटा राइट करने के लिए लेजर बीम डिस्क के सर्फेस पर बिट का चिन्ह बनाकर सूक्ष्म कैविटी बनाता है | डाटा रीड करने के लिए लेजर बीम एरिया को स्कैन करता है |
यह निम्न प्रकार के होते है :- सी० डी० रोम, डब्लू० ओ० आर० एम० (राइट वन्स रीड मेनी एवं इरेसबिल ऑप्टिकल डिस्क) |
Write Once Read Many Disks (Normal CD):-
इस तरह के सी० डी० जिन पर केवल एक बार लिखा जा सकता है और कई बार रीड या एक्सेस किया जा सकता है वो नार्मल सी० डी० या रीड मेनी डिस्क होती है, जिनकी साधारण स्टोरेज क्षमता 700MB तक होती है |
Re-Writable Optical Disks:-
इस तरह के ऑप्टिकल डिस्क जिन्हें इरेज किया जा सकता है और पुनः उनपर डाटा राइट भी किया जा सकता है |
इनकी जीवन अवधि साधारण CDROM से ज्यादा होती है | ये डिस्क साधारण डिस्क से थोड़े महगें होते है |
CD-ROM (Compact Disk Read Only Memory):-
इस प्रकार की सेकेंडरी मेमोरी डिवाइस एक ऑप्टिकल डिस्क है जो केवल उपयोगकर्ता के वातावरण द्वारा एक बार लिखी जाती है और फिर दोबारा नहीं लिखी जा सकती है |
यह सी० पी० यू० के फ्रंट पैनल पर स्थित है और एक ओपन/क्लोज बटन के साथ बाहर की ओर फेस के साथ अन्दर सेट है |
ऑप्टिकल डिस्क तकनीक के अनुसार, यह डाटा को रैंडम एड्रेस के माध्यम से एक्सेस करता है और डेटा पैकेट को रैंडम तरीके से एक्सेस करता है |
DVD ( Digital Video Disk):-
डी०वी०डी० को डिजिटल विडियो डिस्क या डिजिटल वर्सटाइल डिस्क भी कहते है जो साधारण CDROM की तुलना में ज्यादा डाटा स्टोर करने की क्षमता रखते है जो साधारणतः 4.7 GB या विशेष स्थिति में 45 से 50 GB तक डाटा स्टोर कर सकते है |
ये बिल्कुल CDROM की तरह दिखती है | एक डी०वी०डी० को CDROM ड्राइव से एक्सेस या रीड नहीं किया जा सकता क्योंकि इसमें पिट्स होते है |
Mass Storage Devices:-
मास स्टोरेज डिवाइस को स्टोरेज डिवाइस के रूप में संदर्भित किया जाता है जो सामान्य स्टोरेज डिवाइस की तुलना में अधिक डेटा रख सकता है |
USB Thumb Drive:-
USB थम्ब ड्राइव साधारणतः फ़्लैश ड्राइव या पेन ड्राइव को कहा जाता है | जो अत्यधिक मात्रा में डाटा को स्टोर कर सकते है |
डाटा को अत्यधिक मात्रा में सुरक्षित रखना फ़्लैश ड्राइव की क्षमता पर निर्भर करता है | यह एक पोर्टेबल डिवाइस होता है जिसे किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में एक USB पोर्ट के माध्यम से जोड़ देते है और डाटा का लेन - देन कर सकते है |
यह एक प्लग एंड प्ले डिवाइस होती है जिसे आप किसी भी सिस्टम में बिना समय गवाएं तुरंत इस्तेमाल कर सकते है इसीलिए लोग इसे डाटा ट्रेवेलर के नाम से भी जानते है |